बिल्थरारोड- सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक दिगम्बर बाबा के पर्ती स्थान पर विद्युत परियोजना और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के रूप में अधिग्रहण को लेकर शाम्भवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने सैकड़ों लोगों के साथ उपजिलाधिकारी बिल्थरारोड से वार्ता की तथा चेतावनी दिया कि अगर दिगम्बर बाबा उपनाम डम्बर बाबा की पर्ती भूमि पर अधिग्रहण किया गया तो भारी जनाक्रोश पनपेगा जिसका परिणाम शासन सत्ता को भुगतना पड़ सकता है। बता दें कि नगर क्षेत्र के मिश्रौली गांव के निकट सिसैरकलां में लगभग 52 एकड़ की पर्ती भूमि है।ऐसी अनुश्रुतियां हैं कि मुगल काल में एक संन्यासी बाबा थे जिन्होंने गौ माता की रक्षा करते हुए अपनें प्राणों का बलिदान कर दिया।बाबा का रक्त जहां तक गिरा वहां तक की भूमि पर कोई निवास नहीं करता। मान्यता है कि यह भूमि गोचर भूमि है और बाबा आज भी गौ की रक्षा करते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह ने भी यहां एक प्लांट लगाने का प्रयास किया लेकिन वे भी असफल रहे।एक वृद्ध ने बताया कि जिस भूमि को मुगलों ने तथा अंग्रेजों ने नहीं छुआ उसे आज अधिग्रहित किया जा रहा है जो सरासर ग़लत है। लोगों ने जब भी ऐसा किया जनहानि हुई।जनता में इस बात को लेकर काफी आक्रोश है। जनभावना को देखते हुए यह कार्य तत्काल रोक देना चाहिए।इस विषय पर वार्ता करने पर एसडीएम बिल्थरारोड ने कहा कि जनभावना का सम्मान है। उच्चाधिकारियों के संज्ञान में यह मामला है अगर मुझसे पूछा जाता है तो मैं इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करूंगा और प्रयास रहेगा कि जनभावनाओं को छति न पंहुचे।