केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार की नीति को दोहराते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने कहा कि आतंक फैलाने वालों को चुन-चुनकर जवाब दिया जाएगा और पहलगाम हमले के दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। गृह मंत्री गुरुवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।
गृह मंत्री ने कहा, “हमारी आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है और यह नीति बदलेगी नहीं। 90 के दशक से कश्मीर में जो आतंक चला आ रहा है, वह अब अपने अंतिम चरण में है।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकियों और उनके आकाओं को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
पहलगाम हमले पर कड़ा रुख
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की दर्दनाक मौत के बाद केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया बेहद सख्त रही है। शाह ने कहा, “ये समझना किसी की भूल है कि हमारे 27 लोगों को मारकर वो अपने मकसद में सफल हो जाएंगे। यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने कहा कि यह लड़ाई खत्म नहीं हुई है, बल्कि यह तो शुरुआत है। देश के प्रत्येक नागरिक के मन में इस हमले को लेकर आक्रोश है और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक आतंक का पूरी तरह सफाया नहीं हो जाता।
वैश्विक समर्थन और राष्ट्रीय संकल्प
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत अकेला नहीं है। आज पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है। अमेरिका, फ्रांस, रूस और अन्य देशों ने भी भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को नैतिक समर्थन दिया है।
“ये केवल भारत की सुरक्षा की बात नहीं है, यह मानवता की सुरक्षा का मुद्दा है,” शाह ने कहा। उन्होंने भरोसा जताया कि 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति और वैश्विक समर्थन के साथ भारत आतंक के हर रूप को जड़ से उखाड़ फेंकेगा।
स्पष्ट और कठोर नीति
अमित शाह ने एक बार फिर दोहराया कि केंद्र सरकार की नीति स्पष्ट है आतंकवाद को कोई स्थान नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि “जो भी इस देश की एकता और अखंडता के खिलाफ साजिश करेगा, उसे करारा जवाब मिलेगा।” उन्होंने आतंक फैलाने वाले संगठनों और उनके मददगारों को चेतावनी दी कि अब उनके लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं बची है।
शाह ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को पूरी छूट दी गई है और सरकार हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि इस देश के हर इंच से आतंक का नामोनिशान मिटा दिया जाएगा।
अमित शाह का यह भाषण न केवल एक भावनात्मक अपील थी, बल्कि यह भारत सरकार की कड़ी नीति और दृढ़ संकल्प का संकेत भी है। पहलगाम हमले जैसे जघन्य कृत्य के बाद, सरकार ने साफ कर दिया है कि अब आतंक के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। यह केवल प्रतिशोध की बात नहीं है, बल्कि भारत की सुरक्षा और अखंडता के लिए यह एक अपरिहार्य संघर्ष है।