जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, जिसमें एक मुस्लिम घोड़े वाले की आतंकवादी के रूप में गिरफ्तारी हुई, उत्तराखंड में काली सेना ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संगठन ने उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि राज्य में कार्यरत मुस्लिम घोड़े वालों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए और आगामी चार धाम यात्रा में उनके पंजीकरण को पूरी तरह से बंद कर दिया जाए।
स्वामी आनंद स्वरूप ने सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए गंभीर सवाल
काली सेना के संस्थापक स्वामी आनंद स्वरूप ने रविवार को एक प्रेस वार्ता में सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के नाम पर उत्तराखंड सरकार आम लोगों के साथ मजाक कर रही है। उन्होंने धार्मिक स्थलों की समिति के प्रमुख को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे केवल आनंद लेने के लिए पद पर बने हुए हैं और उन्हें क्षेत्र की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
पहलगाम हमले के बाद काली सेना का उत्तराखंड सरकार से कड़ा रुख
सनातन परंपरा और हिंदुत्व की रक्षा के लिए संकल्पित काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने जोर देकर कहा कि पहलगाम की घटना से सबक लेते हुए उत्तराखंड सरकार को चार धाम यात्रा के संबंध में कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता है। उन्होंने चार धाम यात्रा के लिए हुए पंजीकरण के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 20,78,572 पंजीकृत लोगों में 17,000 विदेशी नागरिक हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि ये विदेशी नागरिक कौन हैं, किस धर्म से हैं और उनका सत्यापन किस आधार पर किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि नौकरी के आवेदन में हिंदू और गैर-हिंदू का कॉलम अनिवार्य किया जाता है, तो पंजीकरण प्रक्रिया में ऐसा कॉलम क्यों नहीं है।
स्वामी आनंद स्वरूप ने 2011 की जनगणना के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि बद्रीनाथ की कुल जनसंख्या 2438 है, जिसमें 2384 हिंदू और 33 मुस्लिम हैं। उन्होंने पूछा कि ये 33 मुस्लिम बद्रीनाथ में क्या कर रहे हैं, उनका उद्देश्य क्या है, और क्या वे बांग्लादेशी रोहिंग्या हैं या खुफिया जानकारी एकत्र करने वाले अन्य मुस्लिम नागरिक हैं। उन्होंने इनकी गहन जांच की मांग की।
घोड़े वालों की जांच और संभावित आतंकी संबंधों पर आशंका
उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा विश्व स्तर पर हिंदुओं को एकजुट करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, इसलिए सरकार के पास यह जानकारी होनी चाहिए कि घोड़े वाले हिंदू हैं या मुसलमान। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि कहीं ये घोड़े वाले लश्कर के आतंकवादियों के लिए मुखबिर तो नहीं हैं, जैसा कि पहलगाम में हुआ था, और क्या वे किसी बड़ी साजिश की योजना बना रहे हैं। उन्होंने सरकार से तत्काल इन मुस्लिम घोड़े वालों, रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की जांच करने की मांग की, अन्यथा सुरक्षा के नाम पर यह लापरवाही सरकार को महंगी पड़ सकती है।
बद्रीनाथ में मुस्लिम आबादी और विदेशी पर्यटकों के सत्यापन पर जोर
स्वामी आनंद स्वरूप ने यह भी बताया कि उन्होंने पहले ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य के चारों धामों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है। उन्होंने पुनः स्मरण दिलाया कि उत्तराखंड वर्तमान में भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में आस्था के केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के इन पवित्र स्थलों पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। उन्होंने एक सनातनी हिंदू होने के नाते सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का आग्रह किया ताकि इन धामों में कोई अप्रिय घटना न घटे और गैर-हिंदुओं, मुसलमानों के प्रवेश को रोका जाए।
चार धामों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध की मांग
उन्होंने मुख्यमंत्री को एक तेजस्वी धार्मिक नेता बताते हुए कहा कि हिंदू समाज को उन पर गर्व है। उन्होंने आशंका जताई कि यदि गैर-हिंदू और मुसलमान अपने कुत्तों और घोड़ों के साथ इन धामों में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देते हैं, तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। इससे न केवल सरकार की वैश्विक स्तर पर बदनामी होगी, बल्कि हिंदू समाज के लिए एक कलंक भी पैदा होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जिस प्रकार मुसलमानों को मक्का मदीना में नियमों के अनुसार जाने की अनुमति है, उसी प्रकार इन चारों धामों में गैर-हिंदुओं का प्रवेश बंद कर एक स्पष्ट निर्देश जारी किया जाए। यदि किसी अन्य धर्म के व्यक्ति को वहां जाने में आस्था है, तो वे सत्यापन (एफ़ीडेविट) देकर जा सकते हैं।