देश जब पहलगाम आतंकी हमले के ज़ख्मों से उबरने की कोशिश कर रहा है, तब कुछ गद्दार मानसिकता वाले लोग सोशल मीडिया पर आतंकियों के समर्थन में शर्मनाक टिप्पणियां कर रहे हैं। यह केवल असंवेदनशीलता नहीं है, बल्कि सीधे-सीधे राष्ट्रद्रोह है।
7 राज्यों के 28 गद्दार गिरफ्तार
सरकार ने बिना समय गंवाए कार्रवाई करते हुए 7 राज्यों में फैले ऐसे 28 देशविरोधियों को गिरफ्त में लिया है। इनमें विपक्षी पार्टी के विधायक, पत्रकार, वकील, रिटायर्ड शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्र शामिल हैं। यानी वे लोग जिनसे समाज को दिशा देने की अपेक्षा थी, वही राष्ट्र के खिलाफ जहर उगलते पकड़े जा रहे हैं।
विधायक ने आतंकी हमले को बताया सरकार की साजिश
इस मामले में सबसे ज्यादा 16 गिरफ्तारियां असम से हुई हैं, जहां विपक्षी पार्टी AIUDF के विधायक अमीनुल इस्लाम ने पुलवामा और पहलगाम हमलों को “सरकार की साजिश” बताकर न केवल शहीदों का अपमान किया, बल्कि पाकिस्तान की भाषा भी दोहराई।
इस पर उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज हुआ और उन्हें पुलिस हिरासत में भेजा गया। मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, झारखंड और मेघालय से भी गिरफ्तारियां हुईं। कई मामलों में आरोपियों ने सोशल मीडिया पर लश्कर-ए-तैयबा जैसे खूंखार आतंकी संगठनों की तारीफ की थी।
असम के मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। उनका संदेश स्पष्ट है, “जरूरत पड़ी तो NSA भी लगाया जाएगा।” सरमा का यह संदेश साफ करता है कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर अब शून्य सहिष्णुता की नीति लागू हो चुकी है। भारत अब न तो माफ करेगा, न भूलेगा।
देशद्रोहियों के लिए अब देश में कोई जगह नहीं
भारत एक सशक्त राष्ट्र है और राष्ट्रविरोधी सोच रखने वाले चाहे कितने भी बड़े पदों पर क्यों न हों, उनका अंत निश्चित है। जो भी भारत माता के सम्मान के खिलाफ बोलेगा, वह कानून के कठोर शिकंजे में आएगा।
देश की अस्मिता के खिलाफ उठी हर आवाज का जवाब अब गिरफ्तारी से मिलेगा और अगर जरूरत पड़ी तो और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। अब भारत के दुश्मनों को या तो सुधरना होगा या सज़ा भुगतनी होगी।