पहलगाम की वादियां, जो कभी शांति और सौंदर्य का प्रतीक थीं, आज आतंकवादियों के नृशंस कृत्य से कलंकित हो गई हैं। कश्मीर में एक बार फिर आतंकियों ने निर्दोष हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाकर उनकी नृशंस हत्या कर दी। यह घटना न केवल मानवता के विरुद्ध एक जघन्य अपराध है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता और धार्मिक सहिष्णुता पर सीधा हमला है। आतंकवादियों ने इस बार जाति पूछकर हिंदुओं को चुन-चुनकर मारा, जो उनकी वहशी मानसिकता को उजागर करता है।
धर्म और जाति के नाम पर खून की प्यास
आतंकवादियों का यह कृत्य साबित करता है कि वे न तो किसी धर्म का सम्मान करते हैं और न ही मानवता का। उनका एकमात्र लक्ष्य भारत को अंदर से तोड़ना है। हिंदुओं को जाति के आधार पर चुनकर मारने का उनका षड्यंत्र स्पष्ट है—वे हिंदू समाज की आंतरिक कमजोरियों का फायदा उठाना चाहते हैं। जब तक हिंदू समाज जाति, वर्ग और संप्रदाय के झगड़ों में उलझा रहेगा, तब तक दुश्मनों को हमें कमजोर करने का मौका मिलता रहेगा।
हिंदू समाज के लिए सीख: एकता ही शक्ति है
इस घटना से हिंदू समाज को एक बड़ी सीख लेनी चाहिए। सैकड़ों वर्षों से हमले झेलने के बावजूद हिंदू समाज आज तक जाति और वर्ण के बंधनों से मुक्त नहीं हो पाया है। आतंकवादी हमें ‘ब्राह्मण’, ‘क्षत्रिय’, ‘दलित’ या ‘वैश्य’ के नाम से अलग करके मारते हैं, लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि वे हमें सिर्फ ‘हिंदू’ ही देखते हैं? उनके लिए हमारी जाति महत्वहीन है, वे तो हमारे धर्म और राष्ट्रीयता के कारण हमें निशाना बनाते हैं।
अगर हिंदू समाज को सच में सुरक्षित रहना है, तो उसे जाति के भेदभाव को त्यागकर एकजुट होना होगा। जब तक हम ‘ऊंच-नीच’ के झगड़ों में फंसे रहेंगे, तब तक दुश्मन हमें आसानी से काटता रहेगा। इतिहास गवाह है कि जब-जब हिंदू एक हुए, तब-तब उन्होंने आक्रांताओं को मुंहतोड़ जवाब दिया। आज फिर वही एकता की आवश्यकता है।
सरकार और समाज की जिम्मेदारी
इस घटना के बाद सरकार को आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए। कश्मीर में अब कोई समझौता नहीं, कोई रियायत नहीं। आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही, हिंदू समाज को भी अपनी मानसिकता बदलनी होगी। जाति के नाम पर विभाजन करके हम अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं।
एकता ही हमारा रक्षा कवच है
पहलगाम की इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, वह सिर्फ नफरत और हिंसा फैलाना चाहता है। हिंदुओं को अब जागना होगा और जाति के बंधनों से ऊपर उठकर एक साथ खड़ा होना होगा। हमारी ताकत हमारी एकता में है। अगर हम अंदर से मजबूत होंगे, तो कोई भी दुश्मन हमें हिला नहीं पाएगा।